जिंदगी में सफलता पाने के लिए मोटिवेशन की बहुत जरूरत पड़ती है। बात चाहे बिजनेस की हो, पैसे की हो या फिर करियर की, मोटिवेशन आपको किसी न किसी तरह मदद करती ही है। हम सब जानते ही हैं कि आज का जमाना प्रतियोगिता का हो गया है।
जो जितना अच्छा होगा, वो उतना ही आगे बढ़ेगा। जीवन में आगे बढ़ाने के लिए ज्ञान का होना बहुत जरूरी है और ज्ञान पाने के लिए पढ़ना बहुत जरूरी है।
आज हम विद्यार्थियों के लिए ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ हिंदी में लेकर आए हैं, जिनके पढ़कर उनके अंदर एक जूनून आएगा। अगर आप भी एक विद्यार्थी हैं, तो ये Motivational stories for students in hindi को एक बार जरूर पढ़ें।
1- ज़िंदगी बार-बार मौके नहीं देती।
ये कहानी एक ऐसे लड़के की है, जो एक किसान की बेटी से प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था। एक दिन वह किसान से मिलने गया और बोला, “मैं आपकी बेटी से प्यार करता हूँ और उससे शादी करना चाहता हूँ।”
किसान ने उसे ध्यान से देखा और कहा, “तुम मेरी बेटी से शादी कर सकते हो, लेकिन पहले तुम्हें अपनी काबिलियत दिखानी होगी। तुम मेरे खेत पर चलो। मैं तुम्हारे सामने तीन मुर्गे छोड़ूंगा, और तुम्हें उनमें से एक को पकड़ना होगा। अगर तुमने किसी भी मुर्गे को पकड़ लिया, तो मैं समझूंगा कि तुम काबिल हो, और फिर मैं तुम्हारी शादी अपनी बेटी से कर दूंगा।”
लड़के ने बात मान ली और दोनों खेत पर पहुंचे। लड़का मुर्गे को पकड़ने की तैयारी करने लगा। किसान ने दरबे का दरवाजा खोला और पहला मुर्गा बाहर निकला।
वह बड़ा और डरावना लग रहा था। लड़का उसे देखकर घबरा गया और सोचने लगा, “यह मुर्गा बड़ा है, इसे छोड़ देता हूँ, बाकी दो में से कोई हल्का-फुल्का होगा, उसे पकड़ लूंगा।” उसने पहले मुर्गे को जाने दिया।
फिर किसान ने दूसरा मुर्गा छोड़ा, जो पहले वाले से भी बड़ा था। लड़का सोचने लगा कि पहला मुर्गा ही ठीक था, यह तो और भी बड़ा है, इसे पकड़ना तो और भी मुश्किल लग रहा है। उसने तीसरे मुर्गे को भी जाने दिया, ये सोचते हुए कि तीसरा मुर्गा ज़रूर छोटा और कमजोर होगा।
आखिर में, किसान ने तीसरा मुर्गा छोड़ा, जो दिखने में छोटा और कमजोर था। लड़का खुश हो गया और सोचने लगा, “इसे तो मैं आसानी से पकड़ लूंगा।” वह मुर्गे की ओर लपका, लेकिन छोटा मुर्गा फुर्ती से उड़कर दरबे की छत पर बैठ गया। लड़के से वह छोटा मुर्गा भी नहीं पकड़ा गया, और उसका आखिरी मौका भी चला गया।
किसान उसके पास आया और बोला, “तुमने अपने सभी मौके गँवा दिए। अब मैं तुम्हारी शादी अपनी बेटी से नहीं कर सकता। तुम चाहते तो पहली बार में ही कोशिश करके पहले वाले मुर्गे को पकड़ सकते थे क्योंकि वो मुर्गा बड़ा था और अपने वजन की वजह से वो ज्यादा ऊँचा उड़ नहीं पाता, और वैसा ही दूसरा मुर्गा था लेकिन तुमने सबसे छोटे मुर्गे को पकड़ना आसान समझा, जबकि वो छोटा था, सबसे फुर्तीला था। अगर तुम पहले कोशिश करते तो सफल हो जाते।
सीख जो हमें इस कहानी से मिलती है
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में अवसरों का महत्व समझना बहुत ज़रूरी है। हमें हर मौके की कद्र करनी चाहिए, चाहे वह कितना भी मुश्किल क्यों न लगे। पहले ही मौके को पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि दूसरा मौका जरूरी नहीं कि पहले से आसान हो।
ज़िंदगी में आसान मौकों की तलाश मत करो। भले ही आप कोई Government Exam दें या फिर किसी Interview की तैयारी करें, हमेशा इस हिसाब से मेहनत करें कि आपके पास उस चीज़ को हासिल करने का सिर्फ एक ही chance है।
अगर आपने वो गंवा दिया, तो फिर दूसरा मौका नहीं मिलेगा। जब हम ऐसी mentality के साथ किसी चीज़ की तैयारी करेंगे, तभी जाकर हम successful हो पाएंगे।
2- बिना गुरु के सही ज्ञान नहीं मिलता (Best story for students)
एक बार एक लड़का घोड़ों की रेस की देखने गया और वहां दौड़ते हुवे घोड़ों को देखर वो उनके प्रति इतना ज्यादा आकर्षित हो गया की उसने भी एक घुड़सवार (horserider) बनने की सोच ली। लेकिन उसे घुड़सवारी के बारे में कुछ भी नहीं पता था। एक दिन वो लड़का अपने स्कूल की लाइब्रेरी में गया और उसने वहां से एक बुक निकाली, जिसका title था, “How to ride a horse”.
एक हफ्ते तक उस लड़के ने उस बुक अच्छी तरह से पड़ा और वो सारी जरूरी बातें और स्किल्स जान ली जो एक हॉर्स राइडर के लिए सीखना बहुत जरुरी होती हैं। जैसे की, घोड़े में कैसे बैठना है, उसकी लगाम को कब खींचना है, उसे रोकना कैसे है।
फिर एक दिन वो लड़का पास ही के एक अस्तबल (Stable) मैं गया। वहां पहुंचकर उसकी नजर कई सारे घोड़ों पर गयी और उसने वहां के मालिक से कहा की, “मैं एक horse rider हूँ। मैंने अभी अभी घोड़ा चलना सीखा है। आप मुझे घुड़सवारी (horse riding) के लिए एक अच्छा सा घोड़ा दे दीजिये।
उसकी बातें सुनकर वहां के मालिक ने घुड़सवारी के लिए उसे एक अच्छा सा घोड़ा लाकर दे दिया।
वो लड़का घोड़े पर चढ़ने की कोशिश करने लगा लेकिन जैसे ही वो घोड़े के ऊपर बैठा तो अचानक घोडा जोर से उछला और वो लड़का जमीन पर गिर गया। बहुत बार कोशिश करने के बाद भी वो लड़का उस घोड़े पर चढ़ ही नहीं पाया।
ये सब देख वहां के मालिक ने उस लड़के से पूछा की तुमने घुड़सवारी कहाँ से सीखी और तुम्हे सिखाने वाला कौन था…?
अपनी बेवकूफी छिपाते हुए वो लड़का बोला, “ये सब मैंने स्कूल की लाइब्रेरी में रखी एक book से सीखा।”
घोड़ों का मालिक उसकी बात को सुनकर जोर से हस पड़ा और अपने घोड़े को लेकर वहां से चला गया।
इस कहानी से मिलने वाली प्रेरणादायक सीख
ये छोटी सी कहानी हमें यह बात सिखाती है की बिना गुरु के हमारा ज्ञान अधूरा है। गुरु ही हमें हमारे ज्ञान का सही अर्थ समझाता है। वो दिशा देता है की हमें अपने ज्ञान का उपयोग कैसे करना चाहिए। गुरु हम सब के जीवन में एहम भूमिका निभाते हैं क्यूंकि वो हमारी कमियों को पहचान कर उनमे सुधार करते हैं।
किसी भी काम को करने से पहले उस काम के बारे में जानकारी होना और किताबी ज्ञान होना बेशक जरूरी है लेकिन उस काम को ठीक से समझा से ऐसे व्यक्ति या गुरु का होना भी जरूरी है।
सिर्फ चीज़ें को बारे में पता होना ही मायने नहीं रखता बल्कि चीज़ों का उपयोग कैसे होना ये पता होना भी मायने रखता है। और यही जिंदगी की वो सीख होती हो एक गुरु हमे सीखता है। किताबे पढ़कर होशियार बनना आसान है लेकिन उन चीज़ों खुद ही बेहतर तरीके से समझ पाना मुश्किल है।
इसलिए किसी भी नए काम को करने से पहले या कुछ नया सीखने से पहले उन लोगों की राय (advice) जरूर लें जो उस काम को करते आ रहे हैं क्यूंकि उस field में वही आपके गुरु हैं। जरुरी नहीं है की आप भी पहले गलती करें और तभी सीखें। दूसरों की गलतियों से सीखो और उन गलतियों को repeat मत करो।
दूसरी बात जो ये कहानी हमे सिखाती है की लाइफ में practical करना बहुत जरूरी है जब तक। हम चीज़ों को खुद नहीं करेंगे तब तक हम उन्हें ठीक से सीख व समझ नहीं पाएंगे। किताबी knowledge के साथ साथ practical knowledge का होना भी बहुत जरूरी है।
जब हम चीज़ें practically करते हैं तो हम उन्हें ज्यादा जल्दी सीखते हैं। Practical work से हमारा confidence और knowledge दोनों ही increase होती है। प्रैक्टिकल करने से हम चीज़ों को जल्दी समझ पाते हैं और लम्बे समय तक याद भी रख पाते हैं।
कोई भी जानकारी पड़ने से सिर्फ याद होती लेकिन उस जानकारी का practical करने से वो जल्दी समझ में आ जाती है। किसी भी चीज़ को समझना ज्यादा जरूरी है ना की उसके बारे में बेमतलब का ज्ञान रखना।
3- विश्वास की शक्ति (छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानी)
बहुत समय पहले की बात है। एक आश्रम था जहां दूर-दूर से विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते थे। उनमें एक लड़का था जो पढ़ाई में बहुत कमजोर था, लेकिन उसे अपने गुरु पर अटूट विश्वास था। उसके गुरु हमेशा उसे समझाते थे, “तुम भले ही पढ़ाई में कमजोर हो, लेकिन तुम्हें खुद पर भरोसा रखना चाहिए कि तुम दूसरों से बेहतर कर सकते हो।”
वह लड़का अपने गुरु की हर बात पर भरोसा करता था। आश्रम के अन्य शिष्य उससे जलते थे क्योंकि गुरु उसे खास मानते थे। सभी को लगने लगा कि आगे चलकर यही लड़का आश्रम का उत्तराधिकारी बनेगा। इस जलन के कारण उन्होंने उसे अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
एक दिन वे सभी उसके पास आए और बोले, ‘अगर तुम्हें अपने गुरु पर इतना भरोसा है तो सामने वाली पहाड़ी से कूद कर दिखाओ। अगर तुम्हारा भरोसा सच्चा होगा, तो तुम्हें कुछ नहीं होगा।’
बिना सोचे-समझे, वह लड़का पहाड़ी से कूद गया। सभी को लगा कि वह मर जाएगा, लेकिन जब वे नीचे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि वह उस पहाड़ी के नीचे बने तालाब में आराम से तैर रहा था। उसने हंसते हुए कहा, ‘आप सही थे, मेरे विश्वास ने मुझे बचा लिया।’
कुछ दिनों बाद, आश्रम में आग लग गई। दो लोग अंदर फंस गए थे। सभी शिष्यों ने फिर उसे चुनौती दी, ‘अगर तुम्हें अपने गुरु पर विश्वास है, तो जाओ और उन्हें आग से बचा लाओ।’
वह बिना डर के आग में घुसा और उन दोनों को बाहर निकाल लाया। उसका शरीर तपते सोने की तरह चमक रहा था। यह देख कर बाकी शिष्य दंग रह गए।
कुछ दिनों बाद, गुरु सभी शिष्यों के साथ दूसरे आश्रम जा रहे थे। रास्ते में एक गहरी नदी पड़ी। सब नाव का इंतजार कर रहे थे, तभी शिष्यों ने फिर मजाक किया, “तुम तो अपने भरोसे पर नदी को पैदल पार कर सकते हो।”
लड़का उठ खड़ा हुआ और सचमुच नदी पर चलने लगा। यह देख उसके गुरु ने उसे रोका और कहा, “यह असंभव है, तुम नदी को पैदल पार नहीं कर सकते।”
लड़के ने कहा, “संभव है, गुरुजी। आपके आशीर्वाद और मेरे विश्वास से मैं इसे पार कर सकता हूं।” और देखते ही देखते, वह नदी पार कर गया।
ये सब देखकर उसके गुरु हैरान हो गए और सोचने लगे की, ‘यह अज्ञानी मेरी शक्ति और भरोसे के दम पर पानी पर चल सकता है। तो अपनी शक्तियों के दम पर में भी यह कर सकता हूं।” फिर वो भी नदी को चलकर पार करने की कोशिश करने लगे। लेकिन नदी में थोड़ा आगे जाकर ही वो डूब गए क्योंकि उन्हें दूसरों की बातों पर भरोसा था ना की खुद पर।
सीख जो हमें इस Story से मिलती है
भरोसा किसी अज्ञानी व्यक्ति को भी पार लगा देता है लेकिन भरोसे की कमी ज्ञानी व्यक्ति को भी डूबा देती है। अगर आपके अंदर भी भरोसे की कमी होगी तो आप भी जीवन में कामयाब नही हो पाएंगे।
इस कहानी के अनुसार खुद पर भरोसा होने का मतलब ये नही है की आप भी पानी पर चलें या फिर पहाड़ी से कूद जाएं बल्कि खुद पर भरोसा होने का मतलब है की आप अपनी मंजिल को पा सकते हैं।
बस आपको सही दिशा में Focus करना है। अगर आपके अंदर भरोसा होगा की आप किसी चीज को हासिल कर सकते हैं तो आपका mind कभी भी failure के बारे में नहीं सोचेगा बल्कि आप mind हमेशा success पर फोकस करेगा।
इसलिए खुद पर भरोसा रखो। बस ये सोचो की, “हाँ, मैं ये कर सकता हूँ”। कुछ भी नामुमकिन नहीं है।” जब आप ऐसी सोच रखोगे तभी आपका खुद पर भरोसा बड़ेगा और आप उन कामों में भी सफलता पा लेंगे जो अभी आपको नामुमकिन लगते हैं।
4- किसी की बातें हमारी जिंदगी भी बदल सकती हैं।
एक बार एक छोटा बच्चा स्कूल से भागते हुए अपनी माँ के पास आया। उसने अपनी माँ को एक चिट्ठी देते हुए कहा, “माँ, ये मेरी टीचर ने आपको दी है। आप इसे पढ़कर मुझे बताइए कि इसमें क्या लिखा है।”
माँ ने चिट्ठी खोली और पढ़कर थोड़ी उदास हो गई। बच्चे ने पूछा, “माँ, इसमें क्या लिखा है?” माँ ने मुस्कुराते हुए कहा, “इसमें लिखा है कि आपका बेटा बहुत होशियार है, लेकिन हमारे स्कूल में उसे पढ़ाने के लिए अच्छे टीचर नहीं हैं। इसलिए आप इसे घर पर ही पढ़ाएँ।”
माँ ने अपने बेटे को घर पर ही पढ़ाना शुरू किया, और बड़ा होकर वह बच्चा एक महान वैज्ञानिक और आविष्कारक बन गया।
कई सालों बाद, जब वह लड़का अपने पुराने सामान को देख रहा था, तो उसे वही पुरानी चिट्ठी मिली। उसने उसे पढ़ा और दंग रह गया, क्योंकि असल में उस चिट्ठी में लिखा था, ‘आपका बेटा मानसिक रूप से कमजोर है और पढ़ाई में दूसरों बच्चों से बहुत पीछे है। हम उसे स्कूल में और नहीं रख सकते, इसलिए उसे घर पर ही पढ़ाएँ।’
उसकी आँखों में आँसू आ गए और वह सोचने लगा कि उसकी माँ के प्रेरणादायक शब्दों ने उसकी ज़िंदगी को कैसे बदल दिया।
यह कहानी प्रसिद्ध आविष्कारक थॉमस अल्वा एडीसन की है, जिन्होंने लाइट बल्ब का आविष्कार किया। एडीसन का स्कूल में मन नहीं लगता था और वे पढ़ाई में बहुत कमजोर थे, जिसकी वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। लेकिन उनकी माँ ने उन्हें खुद पढ़ाया और उनकी जिज्ञासा को बनाए रखा। इस वजह से वे दुनिया के सबसे सफल आविष्कारकों में से एक बने।
इस प्रेरणादायक कहानी से मिलने वाली सीख
यह कहानी हमें सिखाती है कि शब्दों में बहुत ताकत होती है। हमारी बातें किसी का आत्मविश्वास बढ़ा सकती हैं या उसे तोड़ सकती हैं। हम जिस तरह के विचार सुनते हैं, उसी तरह से हमारी सोच और व्यवहार बनता है। एडीसन की माँ के सकारात्मक शब्दों ने उन्हें खुद पर विश्वास दिलाया, जिससे वे जीवन में इतने सफल हो सके।
अगर एडिसन की माँ उस दिन उसे सच बता देती तो शायद बचपन में ही एडिसन का विश्वास खुद पर से उठ जाता और वो शायद कभी सफल नहीं बन पाते। अपनी teacher की बातें अगर वो पढ़ लेते तो वो खुद को हमेशा loser ही समझते।
हमें खुद को और दूसरों को हमेसा अच्छी बातें की बोलनी चाहिए और हमेशा उन्हें अपनी बातों के जरिये प्रेरणा देनी चाहिए, जिससे वो आगे बढ़ सकें, कुछ achieve कर सकें और खुद पर विश्वास कर सकें। अच्छी सोच और अच्छी बातें इंसान को हमेसा लाइफ में आगे रखती हैं।
अच्छा बोलें, अच्छा सुने और हमेसा एक पॉजिटिव सोच रखें। इस दुनिया में नामुमकिन जैसा कुछ भी नहीं है, हम जो सोच सकते हैं उसे कर भी सकते हैं हमे बस खुद पर विश्वास होना चाहिए। खुद के बारे में भी कभी नेगेटिव बातें ना करें।
5- मुझे क्या बनना है?
ये छोटा सा सवाल कई बार हमें बहुत परेशान कर देता है, और हम में से कई लोग बहुत समय बीतने के बाद भी इस सवाल का उत्तर नहीं ढूंढ पाते हैं। ये सवाल विद्यार्थियों को काफी परेशान करता है क्योंकि जब उनके मन में यह स्पष्ट नहीं होता कि उन्हें जीवन में क्या बनना है,
तो वे कई बार अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए कुछ गलत फैसले ले लेते हैं, जिनसे उनका करियर उस तरह का नहीं बन पाता जैसा उन्होंने सोचा होता है। यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है, इसे पढ़कर आपको इस बात की समझ जरूर हो जाएगी कि आपको जीवन में क्या करना है और क्या बनना है।
ये कहानी एक लड़के की है, जो एक बार एक अमीर व्यक्ति को देखकर अमीर बनने का फैसला कर लिया और अमीर बनने के चक्कर में वो दिन रात मेहनत करके पैसे कमाने लगा और कुछ ही महीनों बाद उसने बहुत सारे पैसे कमा लिए और एक अमीर व्यक्ति बन गया। इसी बीच उसकी मुलाकात एक विद्वान से हो गई।
उस विद्वान व्यक्ति के ज्ञान के बारे में जानकर वह Surprise हो गया। और अब उसने भी एक विद्वान व्यक्ति बनने की सोच ली। और अगले ही दिन से उसने पैसे कमाना बंद कर दिया और पड़ने-लिखने में अपना सारा वक़्त बिताने लगा। उसने अभी कुछ सीखना शुरू ही किया था की इसी बीच उसकी मुलाकात एक बहुत ही अच्छे संगीतकार (musician) से हो गयी।
उस व्यक्ति को लगा की पैसे और ज्ञान से ज्यादा सुकून संगीत में है और उसी दिन से उसने अपनी पढ़ाई बंद कर दी और संगीत सीखने में लग गया।
इस सब के बीच उसकी काफी उम्र बीत गई और समय भी बर्बाद हो गया। फिर ना वो अमीर बन सका, ना विद्वान और ना ही एक अच्छा संगीतकार बन पाया। उसे इस बात का बड़ा दुःख हुवा। एक दिन उसकी मुलाकात एक बहुत बड़े महात्मा से हुई। उसने महात्मा को अपने दुःख का कारण बताया।
महात्मा ने उसकी बात ध्यान से सुनी और हल्की मुस्कान के साथ बोले, “बेटा, ये दुनिया बहुत विशाल और विचित्र है। तुम जहाँ भी जाओगे, कोई न कोई चीज़ तुम्हारा ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश करेगी। लेकिन उन सभी चीज़ों से खुद को दूर रखते हुए, एक स्पष्ट लक्ष्य तय करो।
फिर पूरे जीवन उसी पर अडिग रहकर मेहनत करो। तभी तुम्हें सफलता मिलेगी। वरना दुनिया के मोहजाल में फंस कर इधर-उधर भटकते रहोगे, और बार-बार अपनी रुचि बदलते रहने से कभी भी वास्तविक उन्नति हासिल नहीं कर पाओगे।
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सीख जो हमें इस छात्रों के लिए प्रेरक कहानी से मिलती है
हम जिस भी कार्य को करें, पूरे तन और मन से से Focus होकर करें, बार-बार इधर-उधर भटकने से बेहतर यही है की एक जगह रुक कर मेहनत की जाएं, तब जाकर ही हमें अपने काम में सफलता मिल पाएगी। किसी और की सफ़लता को देख कर अपनी field और अपनी सफ़लता का रास्ता ना बदले।
अपने लक्ष्य हमेशा अपनी strength के अनुसार ही बनाएं. दूसरे किसी काम में बेहतर हैं तो जरूरी नहीं है की आप भी वही काम करके उसमे बेहतर हो जाएंगे। दूसरों को देखकर अपना aim ना बदलें और ना ही किसी और को देखकर अपना कोई aim बनाएं। जिस काम में आपको लगता की आप बेहतर हैं उसी में मेहनत करें।