Best Short Stories in Hindi – Inspirational and Motivational Stories

आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए कुछ बेहतरीन शॉर्ट हिंदी स्टोरीज़ लेकर आए हैं। ये short inspirational और motivational stories बहुत ही मज़ेदार और साथ ही प्रेरणा से भरी हैं। ये छोटी सी हिंदी कहानियाँ आपके जीवन के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखाएँगी। इन प्रेरणादायक short stories in hindi को एक बार ज़रूर पढ़ें और अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें।

All Time Best Short Stories in Hindi

(1) एक फ़कीर की कहानी – Very short story in Hindi

एक बार, एक फ़कीर नदी के किनारे बहुत ही शांत बैठा था। उसके पास से एक व्यक्ति गुज़रा तो उसने पूछा, “बाबा, क्या कर रहे हो?”

फ़कीर ने कहा, “कुछ नहीं, मैं बस इस इंतज़ार में बैठा हूँ कि ये नदी अगर सूख जाए तो मैं इसे पार कर लूँ।”

उस व्यक्ति ने कहा, “कैसी बात कर रहे हो बाबा! अगर तुम इस नदी के सूखने के इंतज़ार में बैठे रहोगे तो कभी इस नदी को पार नहीं कर पाओगे।”

फ़कीर बोला, “यही बात तो मैं लोगों को समझाना चाहता हूँ कि जो तुम ये सब कहते रहते हो कि ‘एक बार जीवन की सारी ज़िम्मेदारियाँ पूरी हो जाएँ तो मैं खुश रहूँ, मौज करूँ, घूमूँ-फिरूँ, सबसे मिलूँ, लोगों की सेवा करूँ’.

हमारी ये इच्छाएँ इस नदी के पानी की तरह ही हैं, जिस तरह नदी का पानी कभी खत्म नहीं होगा और हमें इस नदी को पार करके ही अपना रास्ता ढूँढना है। एक ना एक दिन हमारा ये जीवन खत्म हो जाएगा लेकिन हमारी ये ज़िम्मेदारियाँ कभी खत्म नहीं होंगी। हमें अपने जीवन की इन्हीं ज़िम्मेदारियों को अपने साथ लेकर वो हर काम करना होगा जो हमें खुशियाँ दे।”

(2) दुनियावाले सिर्फ तमाशा देखते हैं – Short Hindi Inspirational Story

एक घर में एक चिड़िया घोंसला बनाकर रहती थी। एक दिन अचानक उस घर में आग लग गई। हर कोई उस आग को बुझाने में लग गया तो वो चिड़िया भी सबकी मदद करने में जुट गई और वो अपनी चोंच में पानी भरकर आग में डालने लगी। वो बार-बार उड़कर जाती, अपनी चोंच में पानी लाती और आग में डालती।

दूर एक पेड़ पर बैठा एक कौआ ये सब देख रहा था। वो उड़कर चिड़िया के पास गया और बोला,
“अरे ओ, पगली चिड़िया! तू कितनी भी मेहनत कर ले, तेरे पानी लाने से ये आग नहीं बुझेगी।”

चिड़िया उस कौए से बोली,
“मुझे पता है, मेरे ऐसा करने से ये आग नहीं बुझेगी, लेकिन जब भी इस आग का ज़िक्र होगा, तो मेरी गिनती आग बुझाने वालों में होगी और तेरी गिनती तमाशा देखने वालों में।”

ये छोटी सी कहानी सिखाती है कि हमारी ज़िंदगी में भी ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो हमारी मेहनत को नहीं बल्कि हमारे हारने का तमाशा देखना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को पहचानना ज्यादा मुश्किल नहीं है। ये वही लोग होते हैं जो आपको बात-बात पर ताना मारते हैं, आपके काम में सिर्फ़ गलतियाँ निकालते हैं।

ऐसे लोग हमेशा आपके आत्मविश्वास को तोड़ने वाली बातें करते हैं, आपको discourage करते रहते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से खुद को हमेशा दूर रखें, फिर चाहे वो आपके कितने ही खास क्यों न हों। आप अकेले ही बहुत कुछ कर सकते हैं, बस खुद पर विश्वास ज़रूरी है। ये दुनिया सिर्फ़ तमाशा देखती है, इसलिए दुनियावालों की फिक्र छोड़कर अपने काम पर फोकस करें।

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(3) काश तू ऐसा ना होता – Hindi Story Motivation

एक बार एक नकारात्मक व्यक्ति घूमता हुआ जंगल से गुजर रहा था। रास्ते में उसे कोयल दिखी और उससे बोला, “तेरी आवाज़ इतनी सुंदर है लेकिन तू काली ना होती तो कितनी अच्छी होती।”

फिर उसे एक गुलाब दिखा, वह उससे बोला- “तुझमें अगर इतने कांटे ना होते तो कितना अच्छा होता।”

एक तालाब दिखा तो वह उससे बोला- “तेरा पानी अगर नमकीन ना होता तो कितना अच्छा होता।”

मंदिर गया तो भगवान से बोला- “तू इस तरह मूर्तियों में ना होकर असलियत में होता तो कितना अच्छा होता।”

इतने में भगवान बोले- “ऐ मेरे बनाए हुए इंसान, अगर तुझमें दूसरों को देखने की कमियां नहीं होतीं तो तू कितना अच्छा होता।”

अक्सर हम दूसरों में कमियां निकालते रहते हैं और ये भूल जाते हैं कि खुद हमारे अंदर कितनी कमियां हैं। हर इंसान खुद को बेहतर और दूसरे को बेकार समझता है। इसलिए दूसरों की कमियां निकालने से पहले खुद का आकलन ज़रूर कर लें। खुद की कमियां देखें और उन पर सुधार करें।

(4) पिता और बेटे की Short story in hindi

बेटे ने एक बार अपने पिता से पूछा- “पापा, आपने देखा है, जब माँ मुझे गोद में उठाती है तो वो मुझे अपनी कमर के पास रखती है, लेकिन जब आप मुझे उठाते हो तो अपने कंधे पर बैठा लेते हो। ऐसा क्यों”?

बेटे की ये बात सुनकर उसके पिता ने एक बहुत ही अच्छा जवाब दिया, वो बोले, “बेटा, एक माँ ये चाहती है कि उसकी औलाद की नज़र वहाँ तक जाए जहाँ तक वो खुद देख सकती है, लेकिन एक पिता ये चाहता है उसकी औलाद वहाँ तक देख सके, जहाँ तक स्वयं उसकी खुद की नज़र नहीं पहुँच सकती।”

एक पिता हमेशा चाहता है उसकी संतान उससे भी ज़्यादा आगे बढ़े, उससे भी ज़्यादा नाम और शोहरत कमाए। चाहे माँ हो या पिता, दोनों ही अपनी औलाद को ज़िंदगी में सफल देखना चाहते हैं। एक माँ अपनी औलाद को प्यार से और अच्छे संस्कारों के साथ जीना सिखाती है और एक पिता हमेशा अपने बच्चों को ज़िम्मेदारियों के साथ जीना सिखाता है और ये दोनों ही सीख हर औलाद के लिए बहुत ज़रूरी होती हैं।

(5) Teen Doston Ki Prernadayak Kahani Choti Si

यह कहानी ऐसे तीन दोस्तों की है जिनका नाम ज्ञान, धन और विश्वास था। तीनों ही एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। लेकिन हर दोस्ती की तरह एक दिन किसी कारण इन तीनों को अलग होना पड़ा और अलग होने से पहले इन सभी ने एक दूसरे से सवाल पूछा कि, “आज के बाद हम तीनों कहाँ मिलेंगे।”

जिस पर ज्ञान बोला – “मैं मंदिर, मस्जिद और किताबों में मिलूँगा।”

धन ने कहा- “मैं अमीरों के पास मिलूंगा।”

विश्वास चुप रहकर दोनों को सुनता रहा और कुछ नहीं बोला, फिर ज्ञान और धन ने उससे पूछा कि तुम चुप क्यों हो कुछ बोलते क्यों नहीं। तो विश्वास रोते हुए बोला, “मैं एक बार चला गया तो फिर कभी नहीं मिलूंगा।”

यह short story हमें सिखाती है की ज्ञान और धन आप जब चाहे तब प्राप्त कर सकते हैं लेकिन विश्वास एक ऐसी चीज़ है जो एक बार टूट जाए तो फिर उसका वापस आना बहुत मुश्किल है। ज्ञान और धन छीन जाए तो फिर से पाया जा सकता है लेकिन किसी पर से भरोसा उठ जाए तो उसे फिर पाया नहीं जा सकता।

आज के इस जमाने में बहुत मुश्किल है तो किसी पर विश्वास कर पाना, कौन कब धोखा दे जाए कुछ कह नहीं सकते। इसलिए ऐसा इंसान बने जिस पर लोगों को विश्वास हो। किसी के साथ धोखा ना करें। हमेशा सच बोले क्यों जो इंसान सच्चा होता है वो कभी किसी का विश्वास नहीं तोड़ता।

(6) Ek Kadva Sach – Hindi story short

एक लड़के ने अपने दादाजी से पूछा, “दादा जी, अपने जमाने में आप लोग पहले कैसे रहा करते थे? तब ना कोई टेक्नोलॉजी थी, ना ही कंप्यूटर था, ना ही अच्छी गाड़ियां थीं और ना ही मोबाइल।”

पोते की बात सुनकर दादा जी ने बहुत सुंदर जवाब दिया, वो बोले- “बेटा, हम वैसे ही रहते थे जैसे तुम लोग आजकल रहते हो, “ना पूजा, ना पाठ; ना कोई दान, ना ही धर्म और ना ही किसी तरह की शर्म।”

दोस्तों ये बात कड़वी है मगर है सच। आज की जेनरेशन का हाल इतना बुरा है कि कुछ कहा नहीं जा सकता। रील में अपना सब कुछ दिखाकर नाचने वाली लड़कियां और गालियों के नाम पर कॉमेडी करने वाले लड़कों ने तो इस समाज में सबसे ज्यादा गंदगी मचा के रखी है।

जो लोग समझदार हैं वो इन सबको ज्यादा सर पर नहीं चढ़ाते लेकिन आज का यूथ इनका फैन है, इनकी ऐसी ऊँची हरकतों को उनका टैलेंट मानते हैं और उनकी तरह बनने की सोचते हैं। ऐसी जेनरेशन को देखकर बस यही कह सकते हैं कि, कलयुग बस इसी का नाम है।

(7) सुख और संपत्ति – Motivational story hindi

“एक अमीर व्यक्ति था जिसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी, आलिसान घर था, नौकर थे, गाड़ियां थीं। उस व्यक्ति का एक ही लड़का था। एक दिन उस व्यक्ति ने सोचा की उसका बेटा बचपन से ही अमीरों वाली जिंदगी जी रहा है।

उसने कभी गरीबी नहीं देखी। क्यों ना उसे ये दिखाया जाए की गरीब लोग कैसे जिंदगी गुजारते हैं, ताकि वो पैसों की एहमियत सीख सके। ऐसा सोचकर एक दिन वो अपने बेटे को शहर से बाहर अपने एक दोस्त के फार्म में कुछ दिन रहने के लिए चला गया। उसका दोस्त खेतों में काम करके अपना गुज़र-बसर करता था।

उसने दोस्त के फार्म में दो दिन बिताए और वहां से चले गए। रास्ते में उसने अपने बेटे से पूछा, ‘तुम्हें उस गरीब परिवार के साथ रहकर कैसा अनुभव हुआ? क्या तुमने उनकी गरीबी को देखकर कुछ सीखा?’

उसके बच्चे ने जवाब दिया, “हाँ डैड, मुझे वहां बहुत सी बातें सीखने को मिली, जैसे- हमारे घर पर बहुत सारे नौकर हैं जो हमारे लिए खाना बनाते हैं लेकिन वो लोग अपना खाना खुद बनाते हैं और साथ में मिलकर प्यार से खाते हैं। हमारे पास शहर में सिर्फ एक डॉगी है और उनके फार्म में चार हैं। हम खाने के लिए बाजार से कई दिन की पुरानी सब्जियां खरीद कर लाते हैं, वो अपनी सब्जियां खुद उगाते हैं और ताज़ा सब्जियां खाते हैं।

हमारे पास नहाने के लिए छोटा सा स्विमिंग पूल है और उनके फार्म से दूर एक बड़ा सा तालाब है। हमारी सुरक्षा के लिए घर के चारों तरफ बड़ी-बड़ी दीवारें हैं और उनके पास दोस्त और पड़ोसी हैं। अंत में उस लड़के ने कहा, ‘थैंक्यू डैड, मुझे ये दिखाने के लिए कि हम कितने गरीब हैं और वो लोग कितने अमीर।’

(8) जैसा दिखता है वैसा होता नहीं – Best hindi story with moral

ये कहानी है एक राजा की। जो की अपने राज्य का सबसे बेहतरीन तीरंदाज (Archer) था। एक बार वो राजा किसी काम से दूसरे राज्य की तरफ जा रहा था। जैसे ही राजा उस राज्य में पंहुचा तो वो यह देखकर हैरान हो गया कि उस राज्य के बाहर हर पेड़ पर एक तीर लगा हुआ है।

सभी पेड़ों पर किसी तीरंदाज ने गोल टारगेट बनाये थे और निशाना गोले के बिलकुल बीच में लगा हुआ है। यह बिल्कुल ऐसा था जैसे किसी ने हर बार मछली की आंख में ही तीर मार दिया हो। हर पेड़ का हाल ऐसा ही था। एक भी निशाना चूका हुआ नहीं था। उस राजा को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इस छोटे से गांव में इतने कमाल का कोई निशानेबाज रहता है।

उसने अपना घोड़ा रोका और उस तीरंदाज को ढूंढने लगा। तभी उसे वहां एक आदमी दिखा, राजा ने उसे रोका और उस तीरंदाज के बारे में पूछने लगा। राजा की उत्सुकता को देखकर वो आदमी हंसने लगा। उसने राजा से कहा, ‘वह एक मूर्ख व्यक्ति है। उसकी तरफ ध्यान देने की आपको कोई ख़ास आवश्यकता नहीं है। आप जिस काम से आये से हैं। पहले उसे पूरा कर लीजिये।

राजा ने कहा, ‘तुम नहीं समझोगे। वो मूर्ख हो सकता है, पर मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता। वह बहुत अच्छा निशानेबाज है। मुझसे भी ज्यादा बेहतर है। मैं उससे मिलना चाहता हूं।’

राजा को देखकर भीड़ जमा हो गई। सब हंसने लगे, ‘उससे मिलकर क्या हासिल होगा। वह पागल है।’
राजा को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर एक पागल, मूर्ख इतना अच्छा निशाना कैसे लगा सकता है? इतना सटीक, इतना अचूक। राजा ने कहा, ‘हंसना बंद करो और उस आदमी को बुलाओ।’

उन लोगों ने उस लड़के को बुलाया और राजा को उससे मिला दिया। उस लड़के को देखते ही, ‘राजा ने उससे पूछा, ‘तुम हर बार एक दम सटीक निशाना कैसे लगा लेते हो..? तुम्हारा राज क्या है?’
तो वो लड़का बोला, ‘कौन सा राज ?’ राजा ने उसे हर पेड़ में गोले के बिल्कुल बीच में लगे हुवे तीर की ओर ईशारा करके दिखाया।

वो लड़का जोर जोर से हंसने लगा और बोला, ‘मैं आपको झूठ नहीं बोलूंगा। सच यह है कि मैं पहले तीर चलाता हूं और वो तीर जहां भी लगता है, मैं उसके चारों ओर गोला बना देता हूं। इस तरह मेरा कोई निशाना चूकता नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तीर कहां जाता है, मैं अपना घेरा वहीं बना देता हूं। जो भी इस गांव से गुजरता है, वो इस कुशलता को देखकर हैरान हो जाता है। मैं कभी किसी को सच नहीं बताता, पर आप राजा हैं और मैं आपको झूठ नहीं बोल सकता।’

Inspirational Story की सीख

जो जैसा दीखता है वो सच में वैसा होता नहीं। कुछ लोग पहले निशाना लगा देते हैं और फिर उसे अपना लक्ष्य बना लेते हैं। और जो लोग उनकी बात नहीं जानते, उन्हें उनका काम, उनका तरीका बिल्कुल सही नजर आता है। इसलिए दूसरों की सफलता को देखकर खुद को कभी कम ना समझें। क्यूंकि असली सच्चाई क्या है ये कभी कोई नहीं बताता। लोग दूसरों को अपने बारे में सिर्फ उतना ही बताते हैं जितना वो चाहते हैं की उन्हें पता चला।

(9) Pairon ke Nishan – Motivational kahani short

एक केकड़ा समुद्र के किनारे अपनी ही मस्ती में चला जा रहा था। वो रेत में बने अपने पैरों के निशानों को मुड़-मुड़कर देखता और आगे बढ़ते जाता। अपने पैरों के निशानों से बने डिज़ाइन को देखकर वो खुश हो जाता लेकिन हर थोड़ी देर में एक तेज़ लहर आती और उसके बनाए निशानों को मिटा कर चली जाती।

लहरों की इस हरकत को देखकर केकड़े को बड़ा गुस्सा आया, वो गुस्से में लहर से बोला, “मैं तो तुम्हें अपना दोस्त समझता था पर तुम ये क्या कर रही हो… मेरे बनाए सुंदर से पैरों के निशानों को हर बार आकर मिटा दे रही हो। कैसी दोस्त हो तुम?”

केकड़े की बात सुनकर लहर बोली, “वो देखो पीछे से मछुआरे आ रहे हैं, वो तुम्हारे बनाए पैरों के निशान देख कर ही केकड़ों को पकड़ रहे हैं… मेरे दोस्त, तुमको वो पकड़ ना लें, बस इसीलिए मैंने तुम्हारे पैरों के निशान मिटा दिए।”

सच यही है कि कई बार हम सामने वाले की बातों को समझ नहीं पाते और अपनी सोच के अनुसार उसे गलत समझ लेते हैं, जबकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। अपने मन में किसी के लिए बुरा-भला सोचने से बेहतर है कि बातों को सही से समझ कर निष्कर्ष निकालें।

(10) सबसे बुरा कौन in Hindi Story

एक राजा को उसके मंत्री ने बताया की उनके राज्य में एक ऐसा व्यक्ति भी रहता है जिसका सुबह सुबह कोई भी मुँह देख ले तो उसे दिन भर खाना ही नहीं मिल पाता। इस बात की सच्चाई को जानने की इच्छा राजा के मन में उठी।

अगले ही दिन राजा ने उस व्यक्ति को महल में बुला लिया और अपने कमरे के सामने वाले कमरे में उसे सुला दिया। जैसे ही अगली सुबह हुई, राजा उठकर सीधा उस व्यक्ति का चेहरा देखने उसके कमरे में घुस गया। वो व्यक्ति उठ चुका था। राजा ने उसका चेहरा देख लिया और अपने कमरे में चला गया।

अब जैसे ही राजा फिर से सोने की कोशिश करने लगा तो तभी उसका मंत्री दौड़ा दौड़ा आया और बोला, ‘महाराज, कुछ दुश्मन हमारे राज्य की सीमा में घुस आये हैं।’

राजा तुरंत उठा, उसने सेना को तैयार करने का आदेश दिया और खुद भी तैयार होकर सेना के साथ जंगल की तरफ चला गया। जंगल में घूमते घूमते सुबह से शाम हो गयी लेकिन उन दुश्मनो का कोई पता नहीं चला। राजा शाम को भूखा प्यासा महल में आया। राजा गुस्से से भरा पड़ा था क्यूंकि उस व्यक्ति का चेहरा देखने के बाद ही ये सब हुवा। राजा ने उस व्यक्ति को तुरंत फांसी की सजा देने की घोषणा कर दी।

दूसरे दिन फांसी लगने से पहले राजा उस व्यक्ति से बोला की तुम सच में मनहूस हो, सुबह सुबह तुम्हारा चेहरा कोई देख लो तो वो सच में सारा दिन भूखा प्यासा ही रह जाता है। बताओ, मरने से पहले तुम्हारी कोई आखिरी इच्छा है।

आखिरी इच्छा मांगने से पहले वो व्यक्ति बोला- महाराज, मेरा चेहरा देखने की वजह से आपको सिर्फ भूखा रहना पड़ा लेकिन आपका चेहरा देखने की वजह से तो मुझे मौत मिलने वाली है। फिर हम दोनों में से ज्यादा मनहूस कौन हुवा।

इतना सुनते ही उस राजा का मुँह शर्म से लाल हो गया। और उसे संत की एक बात याद आयी, ‘बुरा जो देखने में गया, बुरा मिला ना कोई; जब अपने दिल में झाँक कर देखा, तो मुझसे बुरा ना और कोई।’

कहानी की सीख

दूसरों में बुराई देखने से पहले, हमे खुद के अंदर भी एक बार झाँक लेना चाहिए। दूसरों में बुराई ढूंढने वाले अक्सर ये भूल जाते हैं की वो खुद कैसे हैं।

I hope ये छोटी कहानियां इन हिंदी आपको पसंद आएं। ऐसी ही और भी मज़ेदार स्टोरी पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें।

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