2 Best Gautam Buddha Motivational Stories in Hindi

गौतम बुद्ध से जुड़ी कई सारी प्रेरणादायक कहानियों में से आज हम आपके लिए दो ऐसी बेहतरीन Buddha motivational stories in Hindi लेकर आए हैं जो आपको जीवन की बहुत ही महत्वपूर्ण सीख देंगी। बुद्ध की ये कहानियाँ आपके जीवन को बेहतर बनाएँगी और इनसे मिलने वाली प्रेरणादायक सीख आपको एक अच्छा इंसान बनाएँगी।

1- Buddha Story on How to Achieve Goals

जीवन में लक्ष्य बनाना बहुत आसान होता है लेकिन उतना ही कठिन होता है लक्ष्य को पूरा करना। हम goals तो बना लेते हैं लेकिन ये नही समझ पाते की उन्हें पूरा कैसे करना है।

ये कहानी एक लड़के की है, जो गौतम बुद्ध के ज्ञान से बहुत ज्यादा प्रभावित था। वो उनके प्रवचन सुनने के लिए हर जगह पहुंच जाता। जितना भी ज्ञान बुद्ध अपने प्रवचन के जरिए देते वो उसे अच्छी तरह से मन में बैठा लेता। उसका लक्ष्य था की वो भी बुद्ध की तरह आध्यात्मिक और परम ज्ञानी बनें।

गौतम बुद्ध के प्रवचन सुनते सुनते उस व्यक्ति को साल भर हो गया. उसने महसूस किया की उसके अंदर कोई बदलाव नहीं आया। वो खुद को वैसा ही पाया जैसे वो एक साल पहले था। उसे लगा की बुद्ध के ज्ञान का उस पर कोई असर नहीं हुवा और ना ही उसके जीवन में कोई बदलाव आया, ना वो एक ज्ञानी बन पाया और ना ही उसका लक्ष्य पूरा हो पाया।

इस बात से नाराज होकर वो लड़का बुद्ध के पास गया और बोला, “मैने पूरे साल आपके प्रवचन सुनें, जो भी ज्ञान आपने दिया वो सब मैने अपनाया लेकिन उस ज्ञान से मुझमें कोई बदलाव नहीं आया और आज भी मैं पहले जैसा ही एक साधारण इंसान हूं।”

उस लड़के की बातें सुनकर बुद्ध बोले, “तुम किस गांव से आए हो, तुम्हारे गांव का नाम क्या है? वहां तक की दूरी कितनी है? क्या तुम यहां बैठे बैठे पल भर में अपने गांव पहुंच सकते हो?

बुद्ध के ऐसे अटपटे सवाल सुनकर, लड़के को गुस्सा आ गया। वो गुस्से में बोला, “ये आप कैसे सवाल पूछ रहे हैं? मेरा गांव तो बहुत दूर है, पैदल चले बिना मैं वहां नहीं पहुंच सकता। पल भर में कोई भी व्यक्ति किसी दूसरी जगह नहीं पहुंच सकता।”

बुद्ध बोले, “यही बात तो तुम्हें समझ नही आई, तुम्हें अपने गांव का रास्ता पता है, वहां की दूरी पता है और जब तुम इस जानकारी के अनुसार सही रास्ते पर चलोगे तभी अपने गांव पहुंच पाओगे। उसी तरह मुझसे जो ज्ञान तुमने लिया है जब तक उसे तुम अपने व्यवहार में नही लाओगे, उस ज्ञान के अनुसार कर्म नही करोगे, तब तक तुम खुद में बदलाव नहीं कर पाओगे। जितना जरूरी लक्ष्य का पता होना है उतना ही जरूरी है उस लक्ष्य को पाने के रास्तों पर चलना और कर्म करना। ज्ञान भी तभी काम आयेगा जब तुम उस पर अमल करोगे, इसी तरह लक्ष्य भी तभी पूरे होंगे जब उनपर कार्य करोगे।”

Lesson of this Buddha Story

ये कहानी सिखाती है कि कोई भी लक्ष्य सिर्फ बनाने से पूरे नहीं होते बल्कि उन पर कार्य करने से पूरे होते हैं। हम लोग लक्ष्य तो बना लेते हैं लेकिन उनके अनुसार काम नही करते और फिर वो लक्ष्य कभी पूरे ही नही होते।

जब भी आप कोई Goal बनाएं तो उसे पूरा करने के लिए Proper Planning करें। किसी भी goal को achieve करने के लिए एक प्लान होना बहुत जरूरी है। जिस तरह बिना सही नक्शे के एक अच्छा घर नही बन सकता उसी तरह बिना planning के goal achieve नहीं हो सकता। अपने लक्ष्य की जानकारी हर किसी को होती है लेकिन उस जानकारी पर कोई काम नही करता।

आपने भी जिंदगी में बहुत गोल्स बनाए होंगे लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कभी कोई plan नहीं बनाया होगा और वो गोल आज भी अधूरे ही होंगे। ये बात सिर्फ आपकी नही है मेरे खुद के कई गोल्स हैं जो किसी डायरी के पन्ने में दबे हैं और आज भी अधूरे ही हैं। ये कहानी आपके और मेरे लिए एक सबक है की लक्ष्य बनाओ तो उसे पूरा करने का एक प्लान जरूर बनाओ। तभी वो लक्ष्य पूरा होगा।

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2- Maun ki Shakti (Gautam Buddha Motivational Stories)

एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव से गुजर रहे थे। वहां के लोग उनके ज्ञान और शांत स्वभाव के बारे में सुनकर बहुत प्रभावित थे, लेकिन गांव में एक ऐसा व्यक्ति भी था जो बुद्ध के ज्ञान का मजाक उड़ाता था, उसका मानना था की बुद्ध लोगों को भटका रहे हैं।

उसे जब पता लगा की बुद्ध उनके गांव आए हैं तो वह उनसे मिलने गया। उसने देखा की गांव के सभी लोग बुद्ध से कुछ ना कुछ ज्ञान की बातें सीख रहे हैं। ये सब देखकर वह गुस्से से भर गया और चिल्ला चिल्ला कर बुद्ध को गालियां देने लगा, उनके ज्ञान का मजाक उड़ाने लगा।

उस व्यक्ति के बुरे व्यवहार को देखकर भी बुद्ध शांत रहे और मुस्कुरा कर उसकी बातें को सुनते रहे। उन्होंने उसकी किसी भी बात का कोई जवाब नही दिया और ना ही कोई प्रतिक्रिया दिखाई। बुद्ध एकदम मौन रहे।

बुद्ध को शांत देखकर वह व्यक्ति और अधिक गुस्सा हो गया। उसने और जोर से गालियां देना शुरू कर दिया, लेकिन बुद्ध फिर भी मौन ही रहे।

जब गुस्से और गालियों से कुछ नही हुवा, तो थक हारकर वह व्यक्ति चुप हो गया और धीरे से बोला, “तुम्हें मेरी बातें सुनाई नहीं देतीं? मैं तुम्हारा अपमान कर रहा हूँ, और तुम कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हो! कैसे व्यक्ति को तुम?”

बुद्ध बोले, “एक बात बताओ, अगर कोई तुम्हें उपहार दे और तुम उसे स्वीकार ना करो, तो वह उपहार किसके पास रहेगा?”

वह व्यक्ति हैरान होकर बोला, “वह उपहार तो देने वाले के पास ही रहेगा।”

बुद्ध ने मुस्कुरा कर कहा, “ठीक वैसे ही, जब तुमने मुझे गालियाँ दी, तो मैंने भी उन्हें स्वीकार नहीं किया, तो वह गालियाँ भी तुम्हारे पास ही रहेंगी। जिसका असर मुझसे ज्यादा तुम्हारे मन और चरित्र में होगा। तुम्हारा गुस्सा मेरे मौन के आगे हार गया और यही बात तुम्हें जीवन भर अंदर से खोखला करते रहेगी। “

ये कहानी सिखाती है कि हमारे ऊपर दूसरों के बुरे व्यवहार और शब्दों का असर तभी होता है, जब हम उन्हें अपने भीतर आने देते हैं। अगर हम दूसरों की negativity का जवाब मौन और धैर्य से देते हैं, तो वह negativity वापस उन्हीं के पास लौट जाती है। इसलिए तो कहते हैं की दूसरों की बुरी बातों को दिल पर नहीं लेना चाहिए क्योंकि जब हम दूसरों की negativity पर प्रतिक्रिया देते हैं तो हम भी उन्हीं के जैसे बन जाते हैं। मौन रहना भी एक कला और ये हर कोई नही कर सकता।

आशा करता हूँ कि गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानियाँ आपको अच्छी लगी हों। ऐसी ही और motivational stories पढ़ने के लिए इस blog को follow ज़रूर करें।

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