ज्यादा सोचने वाले ये कहानी ज़रूर पढ़ें | Motivational Story on Overthinking

कहते हैं कि किसी भी चीज के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा सोचना, चिंताओं का कारण बन जाता है। फिर चाहे आप अच्छी चीजों के बारे में सोचें या फिर बुरी। कोई भी विचार हमारे मन में इतनी देर तक नहीं रहना चाहिए कि वो चिंता का रूप ले ले।

किसी चीज के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा सोचना overthinking कहलाता है। Overthinking से बचना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है। आज इस story on overthinking के ज़रिए हम आपको इस बारे में बताने की कोशिश करेंगे कि आप overthinking से कैसे पीछा छुड़ा सकते हैं।

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Motivational Story on Overthinking in Hindi

एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव में पहुंचे। वहां एक युवक ने बुद्ध से पूछा, “गुरुजी, मेरे मन में हर समय विचारों का तूफान चलता रहता है। मैं हर छोटी बात पर ज्यादा सोचता हूँ, जिससे मेरा मन अशांत रहता है। मैं क्या करूं?”

गौतम बुद्ध ने मुस्कुराते हुए उस युवक से कहा, “पहले तुम एक ग्लास पानी ले आओ, फिर मैं तुम्हारी इस समस्या का कोई समाधान बताता हूं।”

वह युवक गया और एक ग्लास पानी ले आया। बुद्ध ने पानी से भरे ग्लास को अपने हाथ में पकड़ा और युवक से बोले, “अब तुम इसे बिना छुए, इसका पानी पीने की कोशिश करो।”

युवक ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह पानी को पी नहीं सका। क्योंकि बिना ग्लास को छुए पानी पीना संभव ही नहीं था।

बुद्ध ने हंसते हुवे पूछा, “क्या हुवा? तुम ये पानी क्यों नहीं पी पा रहे हो?”

युवक बोला, “गुरुजी, इसे छुए बिना पानी नही पिया जा सकता। इस संसार में शायद ही कोई ऐसा होगा जो ये कर पाए।”

फिर बुद्ध बोले, “बस यही तो मैं तुम्हें समझाना चाहता हूं, अगर तुम अपने विचारों को पकड़ने की कोशिश करोगे और हर छोटी बात पर ज्यादा सोचोगे, तो तुम मन की शांति कभी नहीं पा सकोगे। विचार भी इस पानी की तरह हैं। जब तक ये तुमसे दूर रहेंगे तब तक तुम इनके बारे में ज्यादा सोच नही पाओगे लेकिन जैसे ही तुम इन्हें पकड़ लोगो तो ये तुम्हारे मन में बस जाएंगे और तुम इन विचारों में ही उलझ कर रह जाओगे।”

फिर उन्होंने आगे कहा, “हर विचार को मन में रखकर, ज्यादा सोचने से केवल परेशानियां बढ़ती हैं। हमें अपने मन को विचारों के प्रवाह में बहने देना चाहिए, लेकिन उन्हें पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमें उन विचारों को बस आने देना चाहिए। हर विचार को पकड़ के रखना मन को अशांत और हमें परेशानी में डाल देता है।”

Overthinking से कैसे बचें – कहानी की सीख

ये short story on overthinking हमें सिखाती है कि हमें अपने विचारों पर काबू करना सीखना होगा। हर दिन हमारे साथ कई ऐसी बातें होती हैं जिन्हें भूलना भी ज़रूरी होता है, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाते। हम बहुत सी बातों को मन में रख लेते हैं और बार-बार उन्हें सोचते हैं, जिससे हमें दुख और अशांति मिलती है।

बुरी बातों को जल्दी भूलना बहुत ज़रूरी है। अपने मन में अच्छी बातें रखें। अच्छी बातों पर सोचने से मन में अच्छे ख़्याल आते हैं। बुरी बातों को भूलना सीखें। याद रखें, ज़्यादा सोचने से समस्याएं हल नहीं होतीं, बल्कि और बढ़ जाती हैं।

हमें अपने विचारों को जाने देना सीखना चाहिए ताकि हम मन की शांति पा सकें। किसी एक विचार को पकड़कर न रखें और जब कभी ऐसा हो, तो अपने आपको इधर-उधर की चीज़ों में व्यस्त कर लें।

ज़्यादा सोचने का समय भी उन्हीं लोगों के पास होता है जिनके पास करने को कुछ काम नहीं होता। जो व्यक्ति व्यस्त होता है, उसके पास इतना फालतू समय नहीं होता कि वह अपने विचारों में ही उलझा रहे।

किसी समस्या या समाधान के बारे में ज़्यादा सोचना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन जब ऐसा बार-बार होने लगे और आप हर बात पर overthinking करने लगें, तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज़िंदगी को मस्ती से जिएं और विचारों को बहने दें।

आशा है कि इस Buddha motivational story on overthinking से आपको कुछ प्रेरणादायक सीख मिली हो। ऐसी ही और भी कहानियाँ पढ़ने के लिए इस blog से जुड़े रहें।

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