Olympic के बारे में आपने सुना ही होगा लेकिन पैरालंपिक्स के बारे में शायद आप कम जानकारी रखते होंगे। जिस तरह ओलंपिक्स में अलग-अलग देशों के कई सारे खिलाड़ी गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल्स के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं उसी तरह पैरालंपिक्स भी होता है।
Paralympics एक ऐसी प्रतिस्पर्धा है जहाँ शारीरिक रूप से कमजोर खिलाड़ी भाग लेते हैं। आज की इस पोस्ट Powerlifting Paralympics Hindi के जरिए हम आपको पैरालंपिक्स के उस खेल के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसे Powerlifting कहा जाता है।
जो लोग जिम जाते हैं वो इस word ‘Powerlifting’ से बिल्कुल अंजान नहीं होंगे। चलिए जानते हैं पैरालंपिक्स में होने वाली Powerlifting के बारे में, लेकिन उससे पहले हम पैरालंपिक्स को समझते हैं।
Paralympics क्या है?
पैरालंपिक्स एक अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता होती है, जिसमें अलग-अलग देशों के athlete participate करते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ शारीरिक रूप से कमजोर या फिर विकलांग खिलाड़ियों को उनके देश के लिए गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतने और देश का नाम रोशन करने और अपनी प्रतिभा और क्षमता दिखाने का मौका देता है।
इसका आयोजन भी ओलंपिक्स के समान ही किया जाता है। इसका उद्देश्य शारीरिक रूप से कमजोर athletes की प्रतिभा को दुनिया के सामने रखना है। ओलंपिक्स की तरह ही इसमें कई सारे खेलों को शामिल किया जाता है जैसे कि ट्रैक और फील्ड, तैराकी, Powerlifting, व्हीलचेयर बास्केटबॉल, व्हीलचेयर टेनिस, etc.
इन्हीं खेलों में एक महत्वपूर्ण खेल है पावरलिफ्टिंग, जो ना केवल athlete की शारीरिक शक्ति को दर्शाता है बल्कि मानसिक दृढ़ता और प्रेरणा का भी प्रतीक है। इस खेल में लगभग 160 देशों के athletes participate करते हैं।
History of Powerlifting Paralympics
Paralympics खेलों की शुरुआत 1948 में हुई थी, जब कुछ शारीरिक रूप से अक्षम सैनिकों ने रिवर्स पावरलिफ्टिंग खेलों का आयोजन किया। इसके बाद, 1960 में रोम में पहले पैरालिंपिक खेलों का आयोजन किया गया। तब से, पैरालिंपिक्स खेलों में पावरलिफ्टिंग ने महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है और यह खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है।
पैरालिंपिक में पावरलिफ्टिंग क्या है?
सीधे शब्दों में कहें तो Powerlifting, शारीरिक शक्ति प्रदर्शन का एक खेल है। इसमें भाग लेने वाले athletes को अपने शरीर के वजन के मुकाबले अधिकतम वजन उठाने का प्रयास किया जाता है।
यह खेल खिलाड़ियों की ताकत, वजन उठाने की तकनीक और मानसिक क्षमता का परीक्षण करता है। Powerlifting के तीन पार्ट होते हैं- Back Squat, Bench Press, और Deadlift।
पैरालिंपिक्स में पावरलिफ्टिंग का महत्व
Paralympics में इस खेल को खास उन खिलाड़ियों के शामिल किया गया है जो शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद वजन उठाने की क्षमता रखते हैं। ऐसे athletes के लिए इस खेल का महत्व सिर्फ वजन उठाकर शक्ति प्रदर्शन करना नहीं है बल्कि पूरी दुनिया को यह दिखाना भी है कि इंसान भले शरीर से कमजोर हो सकता है लेकिन अपनी सीमाओं से नहीं।
पावरलिफ्टिंग पैरालिंपिक्स में भाग लेने वाले खिलाड़ी यह साबित करते हैं कि सीमाएँ केवल मानसिक हैं, और जब संकल्प हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
पावरलिफ्टिंग की श्रेणियाँ
पैरालिंपिक्स में पावरलिफ्टिंग अलग-अलग श्रेणियों में आयोजित की जाती है, जो खिलाड़ियों के वजन और उनकी शारीरिक क्षमता के अनुसार विभाजित होती हैं। यह खेल सभी खिलाड़ियों को समान अवसर प्रदान करने के लिए डिवाइस और तकनीक का उपयोग करने की अनुमति देता है।
कुछ श्रेणियों के एथलीटों को Powerlifting competition के दौरान विशेष उपकरणों का उपयोग करने की अनुमति हो सकती है, जैसे कि व्हीलचेयर या ब्रेस। इन उपकरणों का उपयोग एथलीट की विकलांगता के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
Paralympics में पावरलिफ्टिंग की श्रेणियाँ
Paralympics में पावरलिफ्टिंग को athletes के अनुसार दो श्रेणियों में रखा गया है, शारीरिक श्रेणि और वजन श्रेणि।
शारीरिक श्रेणियाँ- इस श्रेणी के अंतर्गत उन athletes को रखा जाता है जिनकी शारीरिक कमी या विकलांगता एक समान होती है।
वजन श्रेणियाँ- इसके अंतर्गत खिलाड़ियों को उनके शरीर के वजन के अनुसार विभाजित किया जाता है। समान वजन के खिलाड़ी एक ही श्रेणी के अंदर खेलते हैं। वजन के अनुसार competition अलग-अलग होता है।
पावरलिफ्टिंग के लिए तैयारी और प्रशिक्षण
Powerlifting, सुनने में बहुत ही आसान लगता है लेकिन बिना तैयारी और सही technique के इस खेल में महारथ हासिल करना बहुत मुश्किल होता है। अपने शरीर से ज्यादा वजन उठाना वो भी उन खिलाड़ियों के लिए जो शारीरिक रूप से कमजोर हों आसान नहीं होता। इसके लिए एक athlete का शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी होता है।
व्यायाम और शक्ति प्रशिक्षण- हर दिन तय समय पर व्यायाम करना और हर दिन वजन उठाने की practice करके खिलाड़ी अपनी ताकत को बढ़ा सकते हैं।
तकनीकी कौशल- पावरलिफ्टिंग में सही तकनीक का होना बेहद महत्वपूर्ण है। वजन उठाने की तकनीक में ज़रा सी गड़बड़ी बहुत भारी पड़ जाती है और कई बार तो athlete का वजन उन्हीं के ऊपर गिर जाता है, या फिर हाथों की हड्डियाँ तक खिसक जाती हैं। तकनीक कौशल को सही करने के लिए हर खिलाड़ी के सामान्यतः एक trainer होता है।
उचित आहार और पोषण- सही पोषण और आहार का सेवन करना भी बहुत ज़रूरी है। खिलाड़ी को अपने शरीर की जरूरतों के अनुसार ऐसा आहार लेना होता है जो उनकी ताकत को बढ़ाए।
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Powerlifting Paralympics की मानसिक चुनौतियाँ
पावरलिफ्टिंग पैरालिंपिक्स में केवल शारीरिक चुनौती नहीं होती, बल्कि मानसिक चुनौतियाँ भी होती हैं। इस खेल में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए खिलाड़ियों को मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है ताकि वे उच्चतम स्तर की प्रतियोगिता का सामना कर सकें। कई खिलाड़ी अपनी कमजोरियों को पार करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित रहते हैं।
प्रसिद्ध पावरलिफ्टिंग पैरालिंपियन
पावरलिफ्टिंग पैरालिंपिक्स में कई प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी ताकत और तकनीक से दुनिया को प्रभावित किया है। इनमें से कुछ खिलाड़ी हैं:
- परमजीत सिंह (भारत)
- रेने ब्रेडल (कनाडा)
- मोनिका मर्केल
- मैरी हॉर्न (ऑस्ट्रेलिया)
- एलेक्स थॉम्पसन (अमेरिका)
पावरलिफ्टिंग पैरालिंपिक्स के सामाजिक प्रभाव
इस खेल ने न केवल खिलाड़ियों के जीवन को बदला है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। यह खेल शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को बदलने में मदद करता है।
जब लोग इन खिलाड़ियों को देश का नाम रोशन करते हुए और सफलता हासिल करते हुए देखते हैं, तो यह उन्हें प्रेरित करता है और समाज में हर किसी को एक समान भाव से देखने की प्रेरणा भी देता है।
1- पैरालंपिक कितने प्रकार के होते हैं?
Ans- ये खेल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, समर पैरालंपिक और विंटर पैरालंपिक।