वासना, यानी कि एक ऐसी भावना तीव्र इच्छा जो किसी व्यक्ति को किसी चीज या किसी व्यक्ति के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित करती है। वासना शब्द सुनते ही हम अक्सर इसकी तुलना कामवासना से करने लग जाते हैं।
दोस्तों, वासना और कामवासना दोनों में बहुत फर्क है, वासना किसी भी चीज के प्रति हो सकती है। वासना एक इच्छा है जो किसी चीज को अपने या किसी चीज को हासिल करने के प्रति हो सकती है।
वासना के कई रूप हो सकते हैं जैसे कामवासना, धन वासना, सत्ता की वासना, प्रसिद्धि की वासना और भी कई सारे।
वासना चाहे काम की हो, धन की हो, सत्ता की हो या प्रसिद्ध की हो किसी भी तरह की वासना हमारे लिए बहुत नुकसानदही होती है। वासना में डूबे व्यक्ति का अपने मन में काबू नहीं रहता है।
जिस व्यक्ति के अंदर कामवासना होती है, वह हर वक्त संभोग और स्त्रियों के बारे में ही सोचता है और उन्हीं चीजों के बारे में सोचता है जिससे उसकी कामवासना को शांति मिल सके।
इसी तरह जिस व्यक्ति के अंदर धन की वासना पैदा हो जाती है वह ज्यादा धन कमाने की सोचता है, उसके अंदर लालच आ जाता है। वह ना दिन देखता है, ना रात देखता है और हर वक्त पैसों के बारे में ही सोचता रहता है।
किसी चीज को पानी की इच्छा जब तक कम रहती है तब तक वो हमारे अंदर किसी भी तरह का बदलाव नहीं करती लेकिन जब यह इच्छा तीव्र रूप ले लेती है और वासना में बदल जाती है तो हम बेचैन होने लगते हैं, हम किसी भी हाल में उस चीज को पाना चाहते हैं जिस चीज के प्रति हमारी इच्छा तेज जाती है।
हम ये भी भूल जाते हैं की क्या सही है और क्या गलत। आज गौतम बुद्ध की कहानी हम आपके लाए हैं उस कहानी से हम आपको यही बताना चाहते हैं कि किस तरह आप अपने अंदर की वासना पर काबू पा सकते हैं। वासना किसी भी तरह की हो उसे पर काबू पाना बहुत जरूरी है।
वासना पर कैसे काबू करें – Gautam Buddha Ki Kahani
एक बार की बात है, गौतम बुद्ध किसी गांव में प्रवचन देने गए। उनकी बातें सुनने के लिए गांव के सभी लोग उनके पास आए। जब बुद्ध का प्रवचन पूरा हुआ तो उनके पास एक लड़का आया। जो की बहुत परेशान और बेचैन लग रहा था।
वह बुद्ध के पास आया और उनके चरणों मैं सर झुका कर बोला, “भगवान, मैं अपने मन की अशांति से मुक्त नहीं हो पा रहा हूँ। मुझे हर समय कामवासना के विचार सताते रहते हैं। मैंने बहुत कोशिश की मगर फिर भी मैं इनसे पीछा नहीं छूटा पा रहा हूं। अब आप ही कोई मार्ग बताएं?”
बुद्ध ने उस लड़के की तरफ देखा और बोले, “पुत्र, वासना एक ऐसी आग है जो किसी भी मनुष्य को अंदर से जलाकर रख देती है। वासना किसी भी तरह की हो सकती है धन की वासना, काम वासना, सत्ता की वासना, प्रसिद्धि की वासना।
इस वासना के जाल से बाहर निकलने के लिए मैं तुम्हें एक मार्ग बताऊंगा लेकिन उससे पहले तुम्हें एक काम करना होगा, यहां से कुछ दूरी पर एक जंगल है और उस जंगल के अंदर फूलों का एक सुंदर सा बगीचा है। तुम वहां जाओ और उस बगीचे से मेरे लिए एक सुंदर सा फूल ले आओ।”
बुद्ध की बात मानकर वह युवक चला गया। जंगल में कुछ दूर पहुंचने के बाद उसे बगीचा भी मिल गया। उस बगीचे में बहुत से सुंदर फूल लगे हुए थे। हर फूल की सुगंध और चमक उसे अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।
उसके मन में विचार आया कि क्यों ना वो सारे फूल ही तोड़ ले, मगर बुद्ध ने सिर्फ एक ही फूल लाने को कहा था, इसलिए वह एक अच्छे और सुंदर फूल की तलाश में बगीचे के और अंदर चला गया।
अंदर उसे एक फूल मिला, जो बहुत ही ज्यादा मोहक और आकर्षित करने वाला था। जैसे ही उसने उस फूल को तोड़ा, तो अचानक उसके हाथ में एक सांप ने काट लिया। वह दौड़ कर गौतम बुद्ध के पास आया। इससे पहले की वह कुछ बता पाता जहर की वजह से वह बेहोश हो गया।
बुद्ध ने तुरंत उसके हाथ से फूल लिया और उसकी दवा बनाकर उस उसे लड़के को पिला दी, कुछ देर बाद उस युवक को होश आ गया।
होश में आते ही उस लड़के ने बुद्ध से पूछा, “भगवान, ये क्या हुवा, मैं तो सिर्फ एक सुंदर सा फूल तोड़ रहा था तो बदले में मुझे जहर क्यों मिला।”
उसकी बात सुनकर बुद्ध बोले, ‘इसका कारण है तुम्हारी वासना, जब तुम बगीचे में गए तो किसी भी फूल को तोड़ कर ला सकते थे लेकिन फूलों की खूबसूरती ने तुम्हारी वासना को बढ़ा दिया और तुम उस फूल की तलाश करने लग गए जो तुम्हारी इस वासना को शांत कर सके और उसके बदले तुम्हें यह सब मिला।
यह फूल उस वासना का प्रतीक है, और ये जहर उस वासना का परिणाम। अगर तुम्हारा अपने मन और विचारों पर काबू होता तो यह स्थिति नहीं आती। इस वासना से बचने के लिए तुम्हें ध्यान करना होगा और भक्ति के मार्ग पर चलना होगा। इससे तुम्हारा मन शांत रहेगा और तुम अपने विचारों पर काबू कर पाओगे”
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इस Buddha Story से मिलने वाली सीख
वासना किसी भी चीज के प्रति हो, चाहे वह पैसा हो, शरीर हो या प्रसिद्धि हो। यह हमें अंदर से खोखला कर देती है और साथ ही हमारे विचारों को दूषित कर देती है।
वासना की इस आग से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि हम भक्ति के मार्ग पर चलें और ध्यान लगाएं। उन चीजों पर फोकस करें जो सही है ना कि उन चीजों पर जो हमें आकर्षित करती हैं और हमारा मन मोह लेती हैं।
किसी भी तरह की वासना से बाहर निकलने के लिए बहुत जरूरी है हमारी आत्मा और विचारों का शुद्धिकरण। वासना मनुष्य को भीतर से कमजोर और मन को अस्थिर कर देती है। इसे दूर करने के लिए हमें ध्यान, संयम, और विवेक की आवश्यकता होती है।
जो भी आकर्षक और लुभावना दिखता है, वह हमेशा सही नहीं होता। वासना का त्याग और आत्म-नियंत्रण ही हमें सच्चे सुख की ओर ले जाता है।
आई होप, गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी से आपको कुछ अच्छी सीख मिली हो। ऐसी ही और भी कहानी और जरूरी नॉलेज के लिए इस blog को फॉलो जरूर करें।